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कुट्टू के आटे की जांच के लिए प्रदेशभर में अभियान, कई ब्रांड की बिक्री पर लगी रोक

कुट्टू के आटे की जांच के लिए प्रदेशभर में अभियान, कई ब्रांड की बिक्री पर लगी रोक

फंगस लगने की वजह से आटे में माइको टॉक्सिन हो जाता है। इससे संबंधित आटे से बनी खाद्य सामग्री जहरीली हो जाती है। इसे खाने वालों को फूड प्वायजनिंग होती है। विषाक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करते ही उल्टी- दस्त की शिकायत होने लगती है।

प्रदेश में कुट्टू आटे की जांच के लिए अभियान शुरू किया गया है। कई ब्रांड की बिक्री रोक लगा दी गई है। सभी खाद्य निरीक्षकों को निरंतर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में शिवरात्रि के अवसर पर बरेली में करीब ढाई सौ लोग बीमार हुए थे। इसी तरह मेरठ, मुरादाबाद सहित आसपास के जिलों में भी तमाम लोग बीमार हो गए थे। ऐसे में कुट्टे के आटे की जांच कराई गई, जिसमें ब्रांड खराब पाया गया। इसी तरह मुरादाबाद, मेरठ सहित आसपास के जिलों में भी कई ब्रांड के सैंपल फेल हो गए हैं।



उप आयुक्त (खाद्य) हरिशंकर सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में हर दिन जांच चल रही है। अब तक करीब एक हजार से ज्यादा सैंपल इकट्ठा किए गए हैं। इनकी जांच कराई जा रही है। जिस भी ब्रांड में गड़बड़ी मिल रही है, उसकी बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाया जा रहा है। कुट्टू आटे को तैयार करने में भी लापरवाही की शिकायतें मिली हैं। इसलिए इसे तैयार करने वाली फ्लोर मिल से भी सैंपल लिए जा रहे हैं।


फंगस की वजह से हो जाता है जहरीला

उप आयुक्त (खाद्य) हरिशंकर सिंह ने बताया कि फंगस लगने की वजह से आटे में माइको टॉक्सिन हो जाता है। इससे संबंधित आटे से बनी खाद्य सामग्री जहरीली हो जाती है। इसे खाने वालों को फूड प्वायजनिंग होती है। विषाक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करते ही उल्टी- दस्त की शिकायत होने लगती है।

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