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दुःख की बात है की आज "अमर जवान ज्योति" हमेशा के लिए बुझा दी जाएगी - राहुल गांधी

दुःख की बात है की आज "अमर जवान ज्योति" हमेशा के लिए बुझा दी जाएगी - राहुल गांधी

 


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट (India Gate) पर दशकों से ‘अमर जवान ज्योति’ (Amar Jawan Jyoti) देश की पहचान रही है. भारतीय सैनिकों के शौर्य और शहादत की प्रतीक, जिसे देखकर हर भारतीय का सीना एक बार फख्र से चौड़ा जरूर हुआ होगा. हालांकि आज के बाद से ‘अमर जवान ज्योति’ (Amar Jawan Jyoti) फिर कभी प्रज्ज्वलित नहीं दिखेगी. यह ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ (National War Memorial) में विलीन की जा रही है.




खबरों के मुताबिक 21 जनवरी को दोपहर बाद 3.54 बजे चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (CIDS या CISC) एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण ‘अमर जवान ज्योति’ को ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ में जल रही ज्योति में विलीन करेंगे. पहले यह काम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) को करना था. लेकिन बीते दिनों एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) का निधन होने के बाद से यह पद अब तक खाली है. इसलिए उनके डिप्टी सीआईडीएस (CIDS) एयर मार्शल बीआर कृष्ण यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं.


तय कार्यक्रम के अनुसार, दो ज्योतियों के आपस में विलीनीकरण का यह समारोह दिन में ठीक 3.30 बजे शुरू होगा. सीआईडीएस (CIDS) के मौके पर पहुंचते ही सलामी गारद परंपरागत तरीके से उनका अभिनंदन करेगी. इसके बाद ‘अमर जवान ज्योति’ (Amar Jawan Jyoti) से एक मशाल प्रज्ज्वलित कर सीआईडीएस (CIDS) एयर मार्शल बीआर कृष्ण को सौंपी जाएगी. वे उसे लेकर सलामी गारद के साथ ही समारोहपूर्वक ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ (National War Memorial) तक जाएंगे. उसे वहां प्रज्ज्वलित ज्योति में मिला देंगे. इधर इंडिया गेट (India Gate) पर अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) को शांत कर दिया जाएगा, हमेशा के लिए.


क्यों जरूरत पड़ी इस सबकी


रक्षा मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक इसके दो कारण हैं. एक तो आस-पड़ोस में ही दो युद्ध स्मारक (War Memorial) एक साथ नहीं हो सकते. और दूसरा- ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ (National War Memorial) आजाद भारत में देश के लिए शहीद हुए सैनिकों की याद में स्थापित किया गया है. जबकि ‘अमर जवान ज्योति’ (Amar Jawan Jyoti) और इंडिया गेट (India Gate) ब्रिटिश शासन के दौर में अंग्रेजों के लिए शहीद हुए सैनिकों की याद दिलाते हैं.


यहीं पर बताते चलें कि इंडिया गेट (India Gate) पर ‘अमर जवान ज्योति’ (Amar Jawan Jyoti) 1972 में प्रज्ज्वलित की गई थी. उस समय भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 का युद्ध (Indo-Pak War-1971) जीता था. हालांकि इंडिया गेट (India Gate) पर जिन 90,000 शहीद सैनिकों के नाम लिखे हैं, वे सभी ब्रिटिश-भारत की सेना के जवान थे. वे 1914 से 1921 के बीच पहले विश्व-युद्ध और तीसरे ब्रिटिश-अफगान युद्ध जैसी लड़ाईयों में अंग्रेजों की तरफ से लड़ते हुए शहीद हुए थे.


वहीं, ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ (National War Memorial) 25 फरवरी 2019 को अस्तित्व में आया. यह आजाद भारत में देश के लिए लड़ते हुए शहीद होने वाले भारतीय सैनिकों को याद में बनाया गया है. फिर चाहे वह युद्ध पाकिस्तान (Pakistan) से हुआ हो या चीन (China) से. वे गोवा की आजादी के लिए लड़े हों या फिर करगिल (Kargil) जैसे अन्य लड़ाईयों में.

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