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Namak-Paani के गरारे से भी हो  जाएगा Corona Test

Namak-Paani के गरारे से भी हो जाएगा Corona Test

महाराष्ट्र के नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण आभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) ने नमक-पानी के गरारे (सलाइन गार्गल) से आरटी-पीसीआर जांच करने की स्वदेशी तकनीक का पूरा ब्योरा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रलय को हस्तांतरित कर दिया है।


आरटी-पीसीआर जांच की यह तकनीक सरल, तेज, किफायती और सुविधाजनक है। रविवार को एक बयान में कहा गया कि इस तकनीक से जांच के तत्काल परिणाम मिल जाते हैं। यह ग्रामीण तथा जनजाति बहुल इलाकों के लिहाज से काफी उपयोगी है, जहां बहुत कम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। नीरी, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के तहत काम करती है।


बयान के अनुसार, ‘तकनीक हस्तांतरण से इस नवोन्मेषी तरीके का व्यावसायीकरण होगा और सभी सक्षम पक्षों को लाइसेंस प्रदान किए जा सकेंगे। इनमें निजी, सरकारी और कई ग्रामीण विकास विभाग शामिल हैं।’ लाइसेंसी आसानी से उपयोग वाले सुगम किट के उत्पादन के लिए इकाई लगा सकते हैं। सीएसआइआर-नीरी ने देशभर में तकनीक के तेजी से प्रसार के लिए इसका त्वरित हस्तांतरण किया है।

Report Source: HindustanTimes

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